बोल्शेविक क्रांति कब हुई? – Bolshevik Kranti Kab Hui


प्रथम विश्व युद्ध के बाद यूरोप में प्रजा तंत्र को बढ़ावा मिला और यूरोपियन देशों में कई क्रांतियां हुई इनमें से रूस में हुई 1917 की क्रांति (Bolshevik revolution) प्रसिद्ध है इस क्रांति के कारण रूस में निरंकुशबाद समाप्त हो गया और साम्यवादी सरकार की स्थापना हुई इस क्रांति के संस्थापक लेनिन थे और उनके नेतृत्व में एक नवीन क्रांति आरंभ हुई परीक्षा में अक्सर ये प्रश्न पूछे जाते है की बोल्शेविक क्रांति कब हुई (Bolshevik Kranti Kab Hui) बोल्शेविक क्रांति क्या है और इसके कारण और परिणाम क्या रहे इन सभी विषयों पर हमने इस लेख में विस्तार से बात की है ।

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बोल्शेविक क्रांति कब हुई?- Bolshevik Kranti Kab Hui

Bol Sevak Kranti Kab Hui : बोल्शेविक  क्रांति 8 मार्च 1917 को हुई थी हालाकि क्रांति दो चरणों में हुई पहली मार्च 1917 में दूसरी नवंबर 1917 में और इस रूसी (Bolshevik) क्रांति का परिणाम यह रहा की वहां के जारनिकोलस शासन को खत्म करके सोवियत समाजवादी गणराज्य के रूप में स्थापित हो गया।

बोल्शेविक क्रांति के कारण

रूस में बोल्शेविक क्रांति से पहले जार का शासन था तथा उसके शासनकाल में देश की आर्थिक दशा बहुत खराब शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार व अन्य मूलभूत सुविधाओं का वहां पर बहुत ज्यादा अभाव था कृषि की स्थिति बहुत ही ज्यादा खराब धी रूस कर्ज के बोझ में दवा हुआ था जार निरंकुश शासक था उसने जनता की आवश्यकताओं का ख्याल नहीं किया इसके अलावा रूस को कीनिया और जापान के साथ ही युद्ध में हार का सामना करना पड़ा।

जो उसके लिए बहुत अपमानजनक था फल स्वरूप जनता जार निकोलस की शासन व्यवस्था से बुरी तरीके से तंग आ चुकी और जनता ने 1917 में जार के विरुद्ध क्रांति कर दी हालाकि क्रांति दो चरणों में हुई पहली मार्च 1917 में दूसरी नवंबर 1917 में और रूस में साम्यवाद की स्थापना हुई इसे ही बोल्शेविक क्रांति (Bolshevik kranti) इस कहते हैं।

जार शाही की निरंकुशता जार निकोलस एक निरंकुश राजा था यह स्वयं को ईश्वर का दूत मानता था और जनता पर उसका कठोर नियंत्रण था हालांकि 1905 के बाद रूस में संसद की स्थापना की गई परंतु शासन के सभी पर मुख्य पदों पर राजा का ही नियंत्रण था। तथा जार जनता के विकास के लिए कोई भी विशेष कार्य नहीं करता था राजा धनी वर्ग चर्च कुलीन वर्ग का विशेष ध्यान रखता था जिससे आम जनता के अंदर राजा के विरुद्ध क्रोध की भावना उत्पन्न हो रही थी ।

क्रांति के परिणाम

जारशाही का अंत क्रांति के रूस ने लबे समय से चल रहे जार शासन का अंत हो गया साम्यवाद का विकास रूस में शांति के पश्चात एक नई साम्यवस्था का जन्म हुआ जिसका उद्देश्य पूंजीवाद का अंत करके एक शोषण मुक्त समाज की स्थापना करना था रूस की शक्ति में वृद्धि काति के पश्चात ने तेजी से विकास करना प्रारंभ कर दिया।

बोल्शेविक क्रांति का नेता कौन था?

बोल्शेविक क्रांति या रूसी क्रांति में प्रमुख नेताओं में व्लादिमीर इलिच लेनिन का नाम आता है लेनिन के नेतृत्व में ही बोल्शेविक ने शासन को अपने नियंत्रण में ले लिया था ।

बोल्शेविक क्रांति के जनक कौन है?

बोल्शेविक क्रांति के जनक लेनिन को माना जाता है वही रूसी कम्युनिस्ट पार्टी Bolshevik के संस्थापक, प्रेरक, और बोल्शेविक क्रांति के प्रमुख नेता थे रूसी क्रांति इतिहास की एक प्रमुख घटना है बोल्शेविक क्रांति का प्रमुख उद्देश्य समाजवादी समाज का निर्माण करना था ।

बोल्शेविक का मतलब क्या होता है?

रूसी सोशल डेमाक्रेटिक लेबर पार्टी का वह समूह बोलशेविक पार्टी कहलाया, जो दूसरे समूह से अपेक्षाकृत अधिक उग्र था और बुर्जुआवर्ग के विरुद्ध सीधी क्रांति में विश्वास रखता था 1898 में नौ मार्क्सवादियों ने मिंस्क में रूसी सोशल डेमॉक्रेटिक पार्टी (बोल्शेविक) की स्थापना की थी।

निष्कर्ष : मुझे उम्मीद है की आपको Bolshevik Kranti के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो पोस्ट को शेयर जरूर करें ताकि इससे लोगों को इस महान क्रांति के बारे में पता चल सके ।

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