नाटक और एकांकी में क्या अंतर होता है? | Natak Aur Ekanki Mein Antar

आज की इस पोस्ट में हम Natak Aur Ekanki Mein Antar Bataiye , Natak Aur Ekanki Mein Antar Likhiye , नाटक और एकांकी में अंतर तथा Natak Aur Ekanki Ke Tatva , Natak Aur Ekanki Paribhasha और Natak aur Ekanki ki Visheshta
के उतर देने वाले है ।

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नाटक और एकांकी में अंतर |Natak Aur Ekanki Mein Antar

नाटक एकांकी
नाटक में अनेक अंक होते है । एकांकी में एक अंक होता है ।
नाटक में पात्रों की संख्या अधिक होती है । एकांकी में पात्रों की संख्या कम होती है ।
नाटक में कथावस्तू के विकास प्रक्रिया की गति धीमी होती है । एकांकी में कथानक प्रारंभ से ही अपने लक्ष्य की ओर गति से बढ़ता है ।
नाटक में किसी व्यक्ति के संपूर्ण जीवन का वर्णन किया जाता है । एकांकी में व्यक्ति की किसी एक घटना का वर्णन मिलता है ।
नाटक का आकार एकांकी की अपेक्षा बड़ा होता है । एकांकी का आकार नाटक की अपेक्षा छोटा होता है ।
नाटक में अनेक घटनाओं का चित्रण होता है । एकांकी में एक ही घटना का चित्रण होता है

एकांकी किसे कहते हैं | Ekanki Kise Kahate Hain

एक अंक को नाटक को “एकांकी” कहते है इसमें किसी समस्या या घटना-विशेष की प्रस्तुति की जाती है ।

डॉक्टर रामकुमार वर्मा के अनुसार : एकांकी में एक ही घटना होती है वह नाटकीय कौशल से कौतुहल का संचार करते हुए चरम सीमा तक पहुंचती है उसमे कोई गौड़ प्रसंग नहीं होता पात्र सीमित होते है कथा स्पष्ट और कौतूहल से युक्त रहती है ।

एकांकी की विशेषताएं लिखिए | Ekanki Ki Visheshta

1. एकांकी में सीमित पात्र होते है ।

2. एकांकी का प्राण तत्व संघर्ष है ।

3. एकांकी में संक्षिप्ता रहती है ।

4. एकांकी में जीवन का खंडचित्र प्रस्तुत होता है ।

5. एकांकी आकार में छोटी होती है ।

एकांकी के भेद 

1. ऐतिहासिक एकांकी 

2. पौराणिक एकांकी

3. सामाजिक एकांकी

4. राजनैतिक एकांकी

एकांकी के तत्व | Ekanki Ke Tatva

1. कथावस्तु

2. पात्र और चरित्र चित्रण

3. संवाद या कथोपकथन

4. देशकाल एवं वातावरण 

5. भाषा शैली

6. उद्देश्य

7. रंगमचियता एवं अभिनेता

एकांकी के उदाहरण | Ekanki ke udaharan

1. एक घूंट (जयशंकर प्रसाद)

2. आज का आदमी (उदयशंकर भट्ट)

3. सरकारी नौकरी (विष्णु प्रभाकर)

4. उमर कैद (गिरिजाकुमार माथुर)

5. इंद्रधनुष (रामकुमार वर्मा)

6. नानक की समाज (सेठ गोविंददस)

नाटक किसे कहते हैं | Natak Kise Kahate Hain

नाटक एक ऐसी अभिनय-परक विद्या है जिसमे संपूर्ण मानव जीवन का रोचक एवं कौतूहल वर्णन होता है नाटक दृश्य काव्य का एक भेद है यह अभिनय गद्य विद्या है यह एक ऐसा साहित्यक रूप है जिसमे रंगमंच पर पत्रों के द्वारा किसी कथा का प्रदर्शन होता है ।

अभिनव गुप्त के अनुशार : नाटक वह दृश्य है , जो प्रत्यक्ष , कल्पना एवं ,अध्यावसास का विषय बन सर्बसाधारण को अनंदोपलवधि प्रदान करता है ।

नाटक की विशेषताएं लिखिए | Natak Ki Visheshta

1. नाटक का कथानक लोकप्रसिद्ध होना चाहिए ।

2. नाटक में पांच से लेकर दस तक अंक हो सकते है ।

3. नाटक में में वीर रस , करुण या श्रंगार रस की प्रधानता हो सकती है ।

4. नाटक को अभिनय के द्वारा रंगमंच पर प्रस्तुत किया जाता है ।


नाटक के तत्व | Natak Ke Tatva

1. कथावस्तु

2. पात्र और चरित्र चित्रण

3. संवाद या कथोपकथन

4. देशकाल एवं वातावरण 

5. भाषा शैली

6. उद्देश्य

7. रंगमचियता एवं अभिनेता

नाटक के भेद 

1.काव्य मिश्र 

2.शुद्ध कौतुक और

3.भ्रष्ट

नाटक के उदाहरण | Natak ke udaharan

1. रत्नावली (भारतेंदु हरिश्चंद्र)

2. गरीबी और अमीरी (सेठ गोविंददास)

3. मुक्तिपथ (उदयशंकर भट्ट)

4. प्रेम की वेदी (प्रेमचंद)

5. कृष्णाअर्जुन युद्ध (माखनलाल चतुर्वेदी)

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